Jaipur's Para-Shooter Mona Agarwal Receives Arjuna Award from President, Creates History

जयपुर की पैरा-शूटर मोना अग्रवाल को राष्ट्रपति से मिला अर्जुन पुरस्कार, रचा इतिहास!

Jaipur's Para-Shooter Mona Agarwal Receives Arjuna Award from President, Creates History

Jaipur's Para-Shooter Mona Agarwal Receives Arjuna Award from President, Creates History

जयपुर, 17 जनवरी: Mona Agarwal Wins Arjuna Award for Para-Shooting Achievement: जयपुर की पैरा-शूटर मोना अग्रवाल को 2024 के अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में दिया गया। मोना को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पैरा-शूटिंग में उनके उत्कृष्ट योगदान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करने के लिए प्रदान किया गया।

पेरिस पैरालंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतकर किया भारत का नाम रोशन
फ्रांस में आयोजित पेरिस पैरालंपिक 2024 में मोना ने वीमेन R2 10 मीटर एयर राइफल SH1 इवेंट में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उनके इस अद्वितीय प्रदर्शन ने भारतीय खेल जगत को गर्वित किया। इससे पहले, 2023 में क्रोएशिया के ओसिजेक में आयोजित डब्ल्यूएसपीएस विश्व कप में भी मोना ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

संघर्ष और मेहनत की प्रेरक कहानी
मोना अग्रवाल का सफर आसान नहीं था। उन्होंने बताया कि शुरुआत में न तो उनके पास उच्च स्तरीय उपकरण थे और न ही कोचिंग की सुविधा। बावजूद इसके, उनका दृढ़ विश्वास और मेहनत उन्हें इस मुकाम तक ले आया। शॉटपुट, डिस्कस और जेवलिन थ्रो में रुचि रखने वाली मोना ने बाद में शूटिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया।

पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ हासिल की सफलता
37 वर्षीय मोना ने अपनी नौकरी और दो बच्चों की परवरिश के साथ यह सफलता प्राप्त की। मोना ने कहा, "परिवार और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन मैंने हर चुनौती को अपनी ताकत बनाया।"

अर्जुन पुरस्कार पर मोना की प्रतिक्रिया
अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने के बाद मोना ने कहा, "यह पल मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व का क्षण है। मेरे संघर्ष और मेहनत का यह परिणाम है। मैं अपनी इस उपलब्धि को हर उस व्यक्ति को समर्पित करती हूं, जिन्होंने मेरे सफर में मेरा साथ दिया।"

एक प्रेरणा का उदाहरण
मोना की कहानी न केवल खेल जगत के लिए, बल्कि हर महिला के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहती है। उनके संघर्ष और सफलता की यह गाथा भारतीय खेलों में एक मील का पत्थर साबित हुई है।